दिल्ली हाई कोर्ट ने 1997 की उपहार सिनेमा (Uphaar Cinema) त्रासदी पर आधारित आगामी वेब सीरीज ‘ट्रायल बाय फायर’ की रीलीज के खिलाफ दायर मुकदमे में फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में कारोबारी सुशील अंसल को दोषी ठहराया जा चुका है। ताजा मामले में सुशील अंसल ने इस वेब सीरीज की रीलीज पर रोक लगाने की मांग की है। इसे लेकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह वेब सीरीज OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर 13 जनवरी 2023 को रिलीज होने वाली है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने की सुनवाई
जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ता सुशील अंसल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 ए के तहत दोषी ठहराया गया है। वकील ने कहा कि सुशील अंसल को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया है। इसे लेकर कोर्ट ने माना की दोषी को हत्यारा नहीं कहा जा सकता। लेकिन, किताब ‘ट्रायल बाए फायर: द ट्रेजिक टेल ऑफ द उपहार फायर (Uphaar Cinema) ट्रेजेडी’ में अंसल को हत्यारा बताया है, जो गलत है।
उपहार (Uphaar Cinema) त्रासदी पीड़ित संघ (UPTVA) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने इस मामले का विरोध करते हुए कहा, “जब पुस्तक प्रकाशित हुई थी, तो शीर्ष अदालत में एक आवेदन दायर किया गया था कि उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
अभय देओल और राजश्री देशपांडे सीरीज में निभा रहे किरदार
बेस्टसेलर किताब ‘ट्रायल बाए फायर: द ट्रेजिक टेल ऑफ द उपहार फायर (Uphaar Cinema) ट्रेजेडी’ को नीलम कृष्णमूर्ति और शेखर कृष्णमूर्ति ने लिखा था। नेटफ्लिक्स सीरीज में राजश्री देशपांडे और अभय देओल ने लेखक नीलम और शेखर का किरदार निभाया है।