Potluck 2 Review: यह सीरीज देख सकते हैं परिवार के साथ, दूसरा सीजन भी देख लें पहले के बाद/ You can watch this series with family, also watch the second season after the first

Potluck-2-Review

ओटीटी पर परिवार के साथ देखने लायक कंटेंट बहुत अधिक नहीं है. फैमिली ड्रामा, जो पूरे परिवार की कहानी कहते हों, कम हैं. ऐसे में सोनी लिव पर वेब सीरीज Potluck 2 आपके सामने एक फैमिली पैक की तरह आता है। सितंबर 2021 के करीब डेढ़ साल बाद पॉटलक का दूसरा सीजन आया है और कमोबेश पहले की तरह ही एंटरटेन करता है। पॉटलक टीवी के सिटकॉम शो की याद दिलाता है, जिसमें अक्सर समान किरदार और चुनिंदा लोकेशन प्रत्येक एपिसोड में दिखती हैं। लेकिन घटनाएं भिन्न होती हैं. पॉटलक अंग्रेजी का शब्द है, जिसका मतलब है कुछ परिवारों द्वारा अपनी-अपनी रसोई में खाना पकाना और फिर सबका एक जगह पर इकट्ठा होकर मिल-जुल कर भोजन का आनंद उठाना। इस वेब सीरीज में शास्त्री परिवार का पॉटलक आयोजन है।

Potluck 2 कहानी शास्त्री परिवार की

Potluck 2 Review पॉटलक के पहले सीजन को रिवाइंड करेंगे तो आप पाएंगे कि शास्त्री परिवार इकट्ठा नहीं रहता।सीनियर शास्त्री (जतिन सयाल) रिटायर हो चुके हैं और पत्नी प्रमिला (किटू गिडवानी) के साथ बड़े-से घर में रहते हैं. दो बेटों की शादी हो चुकी है।बड़े बेटे-बहू, विक्रांत-आकांक्षा (साइरस साहुकार-इरा दुबे) के जुड़वां समेत तीन बच्चे हैं. छोटे बेटे ध्रुव (हरमन सिंघा) की पत्नी निधि (सलोनी खन्ना पटेल) को बच्चे पसंद नहीं और वह नौकरीपेशा है.

इस सीजन में ध्रुव की नौकरी अमेरिका में लग गई थी मगर वह पिता को हार्ट अटैक की आशंका के मद्देनजर वह नहीं गया।शास्त्री जी की बेटी प्रेरणा (शिखा तलसानिया) कोलकाता में नौकरी करती थी, मगर अब घर आ गई है। कहानी बताती है कि बच्चों को एक छत के नीचे लाने के लिए सीनियर शास्त्री ने हार्ट अटैक का नाटक किया।फिर व्यवस्था की गई कि पूरा परिवार दोनों बेटों या सीनियर शास्त्री के घर पर हर वीकेंड में मिला करेगा।

पुरानी फैमिली, नए ट्रेक

दूसरा सीजन भी पहले सीजन की तर्ज पर आगे बढ़ता है और यहां सबकी अपनी समस्याएं हैं. ध्रुव की नौकरी छूट गई है, लेकिन पति-पत्नी इतना पैसा कमा चुके हैं कि फाइनेंस की समस्या नहीं। समस्या यह है कि ध्रुव क्या करेॽ नई नौकरी या फूड जॉइंट खोलने और नई-नई रैसिपी बनाने के अपने सपनों को पूरा करे. उधर, आकांक्षा ने भी नई नौकरी जॉइन की है, मगर वह देखती है कि एक पूरी नई जनरेशन सामने आ चुकी है।

उसके सामने तीन बच्चों की यंग मदर को काफी बूढ़ा समझा जाता है. वह उन युवाओं की दुनिया में शामिल होने का स्ट्रगल कर रही है. एक ट्रेक प्रमिला है और इस बार पूरी कहानी में वह क्लब में होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिता में हाथ आजमा रही हैं।इस पर परिवार के लोगों की अलग-अलग राय है। जिससे तनाव भी पैदा होता है।इन सबके बीच प्रेरणा अपना नॉवेल पूरा करने में लगी और यहीं उसकी लव लाइफ ठहरी हुई है।

केंद्र में नए किरदार (Potluck 2)

Potluck 2 Review सभी एक्टरों काम यहां बढ़िया है। पिछली बार कहानी जहां साइरस साहुकार और इरा दुबे के साथ शिखा तलसानिया को केंद्र में रख कर बुनी गई थी।इस बार केंद्र में किट्टू गिडवानी, हरमन सिंघा और सलोनी खन्ना पटेल हैंलेकिन बाकी ने भी अपनी भूमिकाओं को जीवंत बना रखा है. किरदारों को अच्छे से रचा गया है और पटकथा में भी कसावट है. कई डॉयलॉग चुटीले हैं और हंसाने में कामयाब रहते हैं. इस सीजन में इक्का-दुक्का नए किरदार भी आए हैं, लेकिन अपनी सीमित भूमिका में. निधि (सलोनी खन्ना पटेल) और उसकी मां के रिश्ते की कहानी का ट्रेक रोचक है.

खट्टी-मीठी बातें

Potluck 2 Review कुला मिलाकर पॉटलक सीजन 2 (Potluck 2) एक फैमिडी ड्रामा है, जिसमें कॉमेडी है और हल्का-सा रोमांस भी. यह कॉमेडी पति-पत्नी, भाई-बहन और माता-पिता के रिश्तों में खट्टी-मीठी बातों को सामने लेकर आती है और कई जगहों पर इमोशनल भी बनाती है. सीरीज में आठ एपिसोड हैं और प्रत्येक की लंबाई औसतन 20 से 22 मिनट है।इसलिए इसे देखना भी आसान है. अगर आप अपनी व्यस्तता के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेना चाहें तो इसमें पॉटलक कारगर. यह मूड को फ्रेड करता है।हालांकि पहले सीजन के मुकाबले दूसरे की धार थोड़ी कम है, इसके बावजूद सीरीज एंटरटेन करती है. अगर आपने पहला सीजन देखा है तो दूसरा जरूर देखना चाहिए. अगर आपने अभी तक इसे नहीं देखा, तो परिवार के साथ देखने के लिए यह अच्छी सीरीज है।

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