ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप को लेकर हमेशा से खूब चर्चा होती रही है। एक ओर जहां इसके लिए सरकार ने भी सेल्फ रेगुलेशन को प्राथमिकता दी है, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हैं, जिन पर हर हफ्ते ऐसे कॉन्टेंट स्ट्रीम हो रहे हैं, जिनकी सेंसरशिप की जरूरत है। पहली बार, ऑनलाइन क्यूरेटेड कॉन्टेंट यानी ओटीटी के लिए बनी सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी (स्व-नियामक निकाय) ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (2021) को लागू करते हुए एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। यह कार्रवाई ULLU ऐप (ULLU app) पर की गई है, जिसे कई वेब शोज हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले सप्ताह जारी एक आदेश में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए रजिस्टर्ड डिजिटल पब्लिशर कॉन्टेंट ग्रिविएंसेज काउंसिल (डीपीसीजीसी) ने एक आदेश जारी किया है। इस काउंसिल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके सीकरी ने की है। इस आदेश में ओटीटी प्लेटफॉर्म ULLU पर स्ट्रीम किए जा रहे कॉन्टेंट पर ‘गंभीर आपत्ति’ जताई गई है। आदेश में ULLU प्लेटफॉर्म ने 15 दिनों में ये कॉन्टेंट हटाने के लिए निर्देश जारी किया गया है।
सतीश वाघेला ने की थी काउंसिल से शिकायत
यह आदेश ULLU पर स्ट्रीम किए जा रहे वेब शोज में ‘अश्लीलता’ को लेकर मिली एक शिकायत के संबंध में है। शिकायत करने वाले सतीश वाघेला का कहना है कि ULLU पर स्ट्रीम हो रहे कुछ वेब सीरीज में सिर्फ अश्लीलता और नग्नता थी, जो देश के कानून के साथ-साथ आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के खिलाफ है।
ULLU app ने कहा- यह ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के खिलाफ
सतीश वाघेला ने शुरू में इस मामले में ओटीटी प्लेटफॉर्म से भी शिकायत की थी। लेकिन डीपीसीजीसी के आदेश के मुताबिक, वह ULLU app द्वारा शिकायत पर की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। काउंसिल से जब शिकायत की गई तो अपने जवाब में ULLU ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि यह दर्शकों के चयन पर निर्भर करता है कि वह क्या देखते हैं। साथ ही यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई एक्शन लेना संविधान में दिए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का उल्लंघन होगा।
काउंसिल ने लगाई ओटीटी ऐप (ULLU app) को फटकार
काउंसिल ने इस पूरे मामले में ULLU app को कड़ी फटकार लगाते हुए इन वेब सीरीज को पूरी तरह से हटाने या फिर आपत्तिजनक सीन्स को एडिट करने की सलाह दी है।
अनुराग ठाकुर ने हाल ही में दिया था बयान
सरकार ने हाल ही में कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि वे क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर अश्लीलता और दुर्व्यवहार को प्रमोट न करें। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि वे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बढ़ती अपमानजनक और अश्लील कॉन्टेंट की शिकायतों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर का यह बयान वेब सीरीज ‘कॉलेज रोमांस’ को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया पर आई थी। अदालत ने कहा था कि सीरीज में जिस तरह के सेक्सुअल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया है, वह किसी के भी दिमाग को प्रभावित कर सकता है।